हम ही तो सपना हैं
“हम ही तो सपना हैं” हम ही तो सपना हैं, अपने और अपनों का,हम ही तो सहारा हैं माँ-बाबूजी की आँखों का।किया क्या खता हमने, बस हक़ की बात कही,सालों की मेहनत पर क्यों ये आफ़त पड़ी? कुछ भ्रष्टाचारी बैठे…
“हम ही तो सपना हैं” हम ही तो सपना हैं, अपने और अपनों का,हम ही तो सहारा हैं माँ-बाबूजी की आँखों का।किया क्या खता हमने, बस हक़ की बात कही,सालों की मेहनत पर क्यों ये आफ़त पड़ी? कुछ भ्रष्टाचारी बैठे…